Saturday, December 18, 2010
श्री राजीव दीक्षित जी को शत शत नमन
श्री राजीव भाई जैसी अलौकिक प्रतिभाएं संसार में केवल अल्पावधि के लिए ही अवतीर्ण होती हैं. उनका काम मात्र किसी योजना को सम्पन्न करना ही नहीं होता है, अपितु आने वाली संतति को उनके कल्याणार्थ मार्ग दर्शाना, संकेत देना होता है. उनका काम बिजली की चमक के सदृश, केवल सुझावात्मक होता है, नाकि विस्तृत विवरणात्मक. वे मानवता के लिए कतिपय मार्ग दर्शक सूत्र ही दिग्दर्शित करते हैं और फिर विलीन हो जाते हैं. ऐसी प्रत्येक प्रतिभाशाली विभूति उन कतिपय रचनात्मक शक्तियों का केंद्र बिंदु बनती है जिनकी उस समय सर्वाधिक आवश्यकता होती है. जब उनका इस जगत में पदार्पण होता है, ऐसी प्रतिभाएं अपनी ओर अपने विशेष ढंग से लोगों के प्यार को आकर्षित करती हैं और जब लोग उन पर आश्रित होने लगते हैं तो लोगों को अत्याधिक व्याकुलता में छोड़ कर वे पलायन कर जाती हैं जिससे लोग स्वयं अपनी ओर, अपने अन्तस्थ की ओर देखें और अपने पैरों पर स्वयं खड़े हों.
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jinka jeevan parhit me laga ho ,
ReplyDeletejinne bhartiya sanskriti par matra kora vyakhyan
nahin diya apitu use apne jeevan me jiya bhi ho aise rishi ko mera naman....
yagyadev shukla
member of all world gayatri pariwar...